Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -18-Feb-2022 गलती सीखा गई

गलती सीखा गई

हर गलती मेरी
मुझे कुछ सिखा गई।
उस गलती से सीख
मैं कुछ आगे बढ़ गई।
सबक वह तो मुझे बहुत दे गई
जिंदगी में गलत
सही की पहचान करा गई।
भूली हुई भूलो में
राज था बड़ा
जिंदगी की सही दिशा का
भान करा गई।
आदमी से आदमी की
पहचान करा गई
भले बुरे वक्त में
कौन साथ है तुम्हारे
वह तो धीरे से बता गई।
आज ही ना करो गलती वह तुम
यह पाठ पढ़ा  गई।
फूल कुछ कहते नहीं
सरल से होते बड़े
कांटो को मसल  कर देखो
अपना अस्तित्व बता गए।
चुप रहोगे जिंदगी में सदा
रिश्ते संभले रहेंगे यहांँ।
बातें अपने मन की कह गए
मानो सारे रिश्ते ढह गए।
हर गलती मेरी को
नजरअंदाज मैं क्यों करूं
राह की दुश्वारियों की
पहचान वह करा गए।
आदमी से आदमी की
  पहचान वह बता गए।
          रचनाकार ✍️
          मधु अरोरा
          17.2.2022 प्रतियोगिता के लिए

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7 Comments

Abhinav ji

19-Feb-2022 09:22 AM

Very nice

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Punam verma

19-Feb-2022 08:01 AM

Nice

Reply

Seema Priyadarshini sahay

19-Feb-2022 12:27 AM

बहुत खूबसूरत

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